श्री शनि चालीसा | Shani Chalisa Lyrics in Hindi

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शनि चालीसा एक धार्मिक भक्ति गीत है जो भगवान शनि देव को समर्पित है. यह चालीसा 40 श्लोकों से बनी है और इसमें भगवान शनि देव के गुणों और महिमा का वर्णन किया गया है. यह चालीसा भारत में बहुत लोकप्रिय है और लोग इसे शनि देव की पूजा करने के लिए पढ़ते हैं.

शनि चालीसा का पाठ करने से भगवान शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वे अपने भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं. यह चालीसा पढ़ने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

शनि चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा समय शनिवार का दिन है. शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर एक साफ स्थान पर एक चौकी बिछाएं और उस पर भगवान शनि देव की तस्वीर या मूर्ति रखें. अब धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करें. फिर शनि चालीसा का पाठ करें.

शनि चालीसा का पाठ करने से भगवान शनि देव प्रसन्न होते हैं और वे अपने भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं. यह चालीसा पढ़ने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

शनि चालीसा का पाठ करने के लाभ

शनि चालीसा का पाठ करने के कई लाभ हैं. शनि चालीसा एक धार्मिक भक्ति गीत है जो भगवान शनि देव को समर्पित है. यह चालीसा 40 श्लोकों से बनी है और इसमें भगवान शनि देव के गुणों और महिमा का वर्णन किया गया है. यह चालीसा भारत में बहुत लोकप्रिय है और लोग इसे शनि देव की पूजा करने के लिए पढ़ते हैं.

शनि चालीसा का पाठ करने से भगवान शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वे अपने भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं. यह चालीसा पढ़ने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

शनि चालीसा का पाठ करने के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • भगवान शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
  • सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.
  • करियर में सफलता मिलती है.
  • धन और संपत्ति प्राप्त होती है.
  • परिवार में सुख और समृद्धि आती है.
  • स्वास्थ्य अच्छा रहता है.
  • सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

शनि चालीसा का पाठ करने के लिए सबसे अच्छा समय शनिवार का दिन है. शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर एक साफ स्थान पर एक चौकी बिछाएं और उस पर भगवान शनि देव की तस्वीर या मूर्ति रखें. अब धूप, दीप, नैवेद्य और फूल अर्पित करें. फिर शनि चालीसा का पाठ करें.

शनि चालीसा का पाठ करने से भगवान शनि देव प्रसन्न होते हैं और वे अपने भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं. यह चालीसा पढ़ने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

Shani Chalisa Lyrics In Hindi (श्री शनि चालीसा)

दोहा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

जयति जयति शनिदेव दयाला।

करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।

माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला।

टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।

हिय माल मुक्तन मणि दमके॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा।

पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥

पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।

यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।

भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।

रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥

पर्वतहू तृण होई निहारत।

तृणहू को पर्वत करि डारत॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।

कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई।

मातु जानकी गई चुराई॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।

मचिगा दल में हाहाकारा॥

रावण की गति-मति बौराई।

रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥

दियो कीट करि कंचन लंका।

बजि बजरंग बीर की डंका॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।

चित्र मयूर निगलि गै हारा॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी।

हाथ पैर डरवायो तोरी॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो।

तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों।

तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।

आपहुं भरे डोम घर पानी॥

तैसे नल पर दशा सिरानी।

भूंजी-मीन कूद गई पानी॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।

पारवती को सती कराई॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा।

नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।

बची द्रौपदी होति उघारी॥

कौरव के भी गति मति मारयो।

युद्ध महाभारत करि डारयो॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।

लेकर कूदि परयो पाताला॥

शेष देव-लखि विनती लाई।

रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना।

जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी।

सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।

हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा।

सिंह सिद्धकर राज समाजा॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।

मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।

चोरी आदि होय डर भारी॥

तैसहि चारि चरण यह नामा।

स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।

धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥

समता ताम्र रजत शुभकारी।

स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै।

कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।

करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।

विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।

दीप दान दै बहु सुख पावत॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।

शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥

दोहा

पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥

Shani Chalisa Lyrics In English


Dohaa

jay ganesh girijaa suvan, mangal karan kripaal।

dinan ke dukh dur kari, kijai naath nihaal॥

jay jay shri shanidev prabhu, sunahu vinay mahaaraaj।

karahu kripaa he ravi tanay, raakhahu jan ki laaj॥

Jayati jayati shanidev dayaalaa।

karat sadaa bhaktan pratipaalaa॥

chaari bhujaa, tanu shyaam viraajai।

maathe ratan mukut chhabi chhaajai॥

param vishaal manohar bhaalaa।

tedhi driashti bhriakuti vikraalaa॥

kundal shravan chamaacham chamke।

hiy maal muktan mani damke॥

kar men gadaa trishul kuthaaraa।

pal bich karain arihin sanhaaraa॥

pingal, kriashno, chhaayaa nandan।

yam, konasth, raudr, dukhabhanjan॥

sauri, mand, shani, dash naamaa।

bhaanu putr pujahin sab kaamaa॥

jaa par prabhu prasann hvain jaahin।

rankahun raav karain kshan maahin॥

parvathu trian hoi nihaarat।

trianhu ko parvat kari daarat॥

raaj milat ban raamahin dinhyo।

kaikeehun ki mati hari linhyo॥

banhun men mriag kapat dikhaai।

maatu jaanki gayi churaai॥

lakhanahin shakti vikal karidaaraa।

machigaa dal men haahaakaaraa॥

raavan ki gati-mati bauraai।

raamachandr son bair bdhaai॥

diyo kit kari kanchan lankaa।

baji bajarang bir ki dankaa॥

nriap vikram par tuhi pagu dhaaraa।

chitr mayur nigali gai haaraa॥

haar naulkhaa laagyo chori।

haath pair darvaayo tori॥

bhaari dashaa nikriasht dikhaayo।

telihin ghar kolhu chalvaayo॥

vinay raag dipak mahan kinhyon।

tab prasann prabhu hvai sukh dinhyon॥

harishchandr nriap naari bikaani।

aapahun bhare dom ghar paani॥

taise nal par dashaa siraani।

bhunji-min kud gayi paani॥

shri shankarahin gahyo jab jaai।

paaravti ko sati karaai॥

tanik vilokat hi kari risaa।

nabh udi gayo gaurisut sisaa॥

paandav par bhai dashaa tumhaari।

bachi draupdi hoti ughaari॥

kaurav ke bhi gati mati maaryo।

yuddh mahaabhaarat kari daaryo॥

ravi kahn mukh mahn dhari tatkaalaa।

lekar kudi paryo paataalaa॥

shesh dev-lakhi vinti laai।

ravi ko mukh te diyo chhudaai॥

vaahan prabhu ke saat sujaanaa।

jag diggaj gardabh mriag svaanaa॥

jambuk sinh aadi nakh dhaari।

so phal jyotish kahat pukaari॥

gaj vaahan lakshmi griah aavain।

hay te sukh sampati upjaavain॥

gardabh haani karai bahu kaajaa।

sinh siddhakar raaj samaajaa॥

jambuk buddhi nasht kar daarai।

mriag de kasht praan sanhaarai॥

jab aavahin prabhu svaan savaari।

chori aadi hoy dar bhaari॥

taisahi chaari charan yah naamaa।

svarn lauh chaandi aru taamaa॥

lauh charan par jab prabhu aavain।

dhan jan sampatti nasht karaavain॥

samtaa taamr rajat shubhkaari।

svarn sarv sarv sukh mangal bhaari॥

jo yah shani charitr nit gaavai।

kabahun n dashaa nikriasht sataavai॥

adbhut naath dikhaavain lilaa।

karain shatru ke nashi bali dhilaa॥

jo pandit suyogy bulvaai।

vidhivat shani grah shaanti karaai॥

pipal jal shani divas chdhaavat।

dip daan dai bahu sukh paavat॥

kahat raam sundar prabhu daasaa।

shani sumirat sukh hot prkaashaa॥

Dohaa

paath shanishchar dev ko, ki hon ‘bhakt’ taiyaar।

karat paath chaalis din, ho bhavsaagar paar॥

शनिदेव से सम्बंधित कहानियाँ एवं किंवदंतियाँ

शनिदेव एक हिंदू देवता हैं जो न्याय और कर्म के देवता हैं. उन्हें ग्रह शनि का स्वामी भी माना जाता है. शनिदेव को काला, भयंकर और क्रूर दिखने वाला देवता माना जाता है, लेकिन वे अपने भक्तों के प्रति बहुत दयालु और कृपालु होते हैं.

शनिदेव के बारे में कई कहानियाँ और किंवदंतियाँ हैं. एक कहानी के अनुसार, शनिदेव एक अत्यंत धार्मिक और तपस्वी थे. उन्होंने भगवान शिव की कठोर तपस्या की और भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया कि वे न्याय और कर्म के देवता बनेंगे.

एक अन्य कहानी के अनुसार, शनिदेव एक अत्यंत शक्तिशाली योद्धा थे. उन्होंने एक बार एक राक्षस का वध किया और उसके सिर को अपने गले में लटका दिया. राक्षस का सिर इतना बड़ा था कि शनिदेव का शरीर काला हो गया. इसलिए, उन्हें काला देवता कहा जाता है.

शनिदेव के बारे में एक और कहानी यह है कि वे एक बार एक राजकुमार थे. राजकुमार बहुत दयालु और करुणावान थे. उन्होंने एक दिन एक गरीब महिला की मदद की और महिला ने उन्हें वरदान दिया कि वे न्याय और कर्म के देवता बनेंगे.

शनिदेव के बारे में ऐसी कई कहानियाँ और किंवदंतियाँ हैं. ये कहानियाँ शनिदेव के न्यायप्रिय, दयालु और कृपालु स्वभाव का वर्णन करती हैं. शनिदेव अपने भक्तों के प्रति बहुत समर्पित हैं और वे उन्हें हमेशा कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं.

निष्कर्ष और अंतिम विचार

यदि आप शनिदेव की पूजा करते हैं, तो आपको हमेशा धर्म, सत्य और करुणा का पालन करना चाहिए. आपके अच्छे कर्मों से शनिदेव प्रसन्न होंगे और वे आपको सभी कष्टों से मुक्ति दिलाएंगे.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

शनि चालीसा का महत्व क्या है?

शनि चालीसा, एक हिंदी में लिखी गई भक्ति भजन है जो भगवान शनि (यानी कि शनि ग्रह) को समर्पित है। हिंदू धर्म में, शनि ग्रह एक प्रभावशाली देवता माने जाते हैं। चालीसा में चालीस श्लोक होते हैं जो भगवान शनि की प्रशंसा करते हैं, और इसे नियम से पढ़कर लोग उसकी कृपा और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं। माना जाता है कि शनि चालीसा को नियम से पढ़ने से शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और जीवन में साकारात्मक ऊर्जा आती है।

भगवान शनि की कृपा पाने के लिए शनि चालीसा का जप कैसे करें?

शनि चालीसा का जाप करने के लिए, आप ये कदम फॉलो कर सकते हैं:

एक शांति और साफ स्थान चुने, जहां आप सुकून से बैठे हैं।
दीया और धूप जलाकर भगवान शनि को अर्पण करें।
शनि चालीसा को भक्ति भाव से और इमानदारी से पढ़ना शुरू करें।
श्लोकों की गिनती के लिए एक माला का इस्तमाल करें।
चालीस श्लोकों को पूरा करने के बाद शनि चालीसा का एक दौर पूरा करें।

शनि चालीसा को नियम से पढ़ने के क्या फायदे हैं?

शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।
जिंदगी की मुश्किलें और चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।
हौसला और साहस बढ़ाने में सहायक होती है।
परिवार में शांति और समृद्धि लाने में मदद करती है।
साकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्रदान करती है।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकती है और सकारात्मकता बढ़ा सकती है।

क्या गैर-हिंदी भाषी भी शनि चालीसा का पाठ कर सकते हैं?

हां, गैर-हिंदी भाषी शनि चालीसा का पाठ कर सकते हैं, चाहे उन्हें हिंदी भाषा का ज्ञान हो या ना हो। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है भगवान की उपासना और इमानदारी से श्लोकों को पढ़ना। उन लोगों के लिए, अंग्रेजी या दूसरी भाषा में भी शनि चालीसा के अनूदित संस्करण उपलब्‍ध होते हैं, जिसका उच्‍चारण सही हो सके।

घर में शनि चालीसा पूजा कैसे करें?

घर में शनि चालीसा पूजा करने के लिए, आप सामान्य चरणों का पालन कर सकते हैं:

पूजा स्थल को साफ करें और भगवान शनि की तस्वीर या मूर्ति रख दें।
दीया और धूप जला कर अर्पण करें।
भक्ति भाव से शनि चालीसा का पथ शुरू करें।

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