हिन्दुओं के 18 महापुराणों के नाम और उनके बारे में संक्षिप्त वर्णन
पुराण हिंदू धर्म के ग्रंथ हैं जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव के बारे में जानकारी देते हैं. वे हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी देते हैं. पुराण हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक हैं और वे हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक हैं.
पुराणों को आमतौर पर 18 भागों में विभाजित किया जाता है. प्रत्येक भाग एक अलग विषय पर चर्चा करता है. उदाहरण के लिए, ब्रह्म पुराण ब्रह्मा के बारे में जानकारी देता है, जबकि विष्णु पुराण विष्णु के बारे में जानकारी देता है.
पुराण हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं और वे हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक हैं. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो पुराणों को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
18 पुराणों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में
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ब्रह्म पुराण | Brahm Puraana | Click Here |
पद्म पुराण | Padm Puraana | Click Here |
विष्णु पुराण | Vishnu Puraana | Click Here |
वायु पुराण | Vaayu Puraana | Click Here |
भागवत पुराण | Bhaagavat Puraana | Click Here |
नारद पुराण | Naarad Puraana | Click Here |
मार्कण्डेय पुराण | Maarkandey Puraana | Click Here |
अग्नि पुराण | Agni Puraana | Click Here |
भविष्य पुराण | Bhavishy Puraana | Click Here |
लिंग पुराण | Ling Puraan | Click Here |
ब्रह्म वैवर्त पुराण | Brahm Vaivart Puraana | Click Here |
वाराह पुराण | Vaaraah PuraaṆ | Click Here |
स्कन्द पुराण | Skand Puraana | Click Here |
वामन पुराण | Vaaman Puraana | Click Here |
कूर्म पुराण | Kuurm Puraana | Click Here |
मत्स्य पुराण | Matsay Puraana | Click Here |
गरुण पुराण | Garud Puraana | Click Here |
ब्रह्माण्ड पुराण | Brahmaand Puraana | Click Here |
पुराण का महत्व
पुराणों का महत्व इस प्रकार है:
- वे हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक हैं.
- वे हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में जानकारी देते हैं.
- वे हिंदू धर्म के देवताओं और देवी-देवताओं के बारे में जानकारी देते हैं.
- वे हिंदू धर्म के तीर्थयात्रा स्थलों और मंदिरों के बारे में जानकारी देते हैं.
- वे हिंदू धर्म के त्योहारों और अनुष्ठानों के बारे में जानकारी देते हैं.
- वे हिंदू धर्म के जीवन के चार पुरुषार्थों के बारे में जानकारी देते हैं: धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष.
- वे हिंदू धर्म के आध्यात्मिकता के बारे में जानकारी देते हैं.
यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो पुराणों को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
18 पुराण के नाम और जरूरी तथ्य
ब्रह्म पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
ब्रह्म पुराण हिंदू धर्म के पुराणों में से एक है. यह 18 पुराणों में सबसे बड़ा है और इसमें 100,000 श्लोक हैं. ब्रह्म पुराण को महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखा गया था और यह ब्रह्मा, विष्णु और शिव के बारे में जानकारी देता है. यह हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी देता है.
ब्रह्म पुराण का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है:
- ब्रह्म पुराण का प्रारंभ ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की उत्पत्ति के वर्णन से होता है. ब्रह्मा बताते हैं कि उन्होंने ब्रह्मांड को कैसे बनाया और इसमें सभी प्राणियों को कैसे स्थापित किया.
- ब्रह्म पुराण में ब्रह्मा, विष्णु और शिव के बारे में विस्तार से बताया गया है. ब्रह्मा बताते हैं कि वे तीनों एक ही हैं और वे ही इस ब्रह्मांड के सृष्टि, स्थिति और संहार के कारण हैं.
- ब्रह्म पुराण में हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी दी गई है. ब्रह्मा बताते हैं कि हिंदू धर्म का इतिहास बहुत पुराना है और यह एक समृद्ध और विविध धर्म है. वे हिंदू धर्म के दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी विस्तार से बताते हैं.
ब्रह्म पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो ब्रह्म पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
पद्म पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
पद्म पुराण हिंदू धर्म के पुराणों में से एक है. यह 18 पुराणों में से पांचवां सबसे बड़ा है और इसमें 55,000 श्लोक हैं. पद्म पुराण को महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखा गया था और यह भगवान विष्णु के बारे में जानकारी देता है. यह हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी देता है.
पद्म पुराण का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है:
- पद्म पुराण का प्रारंभ भगवान विष्णु द्वारा सृष्टि की उत्पत्ति के वर्णन से होता है. भगवान विष्णु बताते हैं कि उन्होंने ब्रह्मांड को कैसे बनाया और इसमें सभी प्राणियों को कैसे स्थापित किया.
- पद्म पुराण में भगवान विष्णु के बारे में विस्तार से बताया गया है. भगवान विष्णु बताते हैं कि वे ही इस ब्रह्मांड के सृष्टि, स्थिति और संहार के कारण हैं. वे बताते हैं कि वे ही सभी प्राणियों के रक्षक हैं और वे ही सभी प्राणियों को मोक्ष प्राप्त कराते हैं.
- पद्म पुराण में हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी दी गई है. भगवान विष्णु बताते हैं कि हिंदू धर्म का इतिहास बहुत पुराना है और यह एक समृद्ध और विविध धर्म है. वे हिंदू धर्म के दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी विस्तार से बताते हैं.
पद्म पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो पद्म पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
विष्णु पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
विष्णु पुराण हिंदू धर्म के ग्रंथों में से एक है. यह 18 पुराणों में से एक है और इसमें 7000 श्लोक हैं. विष्णु पुराण को महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखा गया था और यह भगवान विष्णु के बारे में जानकारी देता है. यह हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी देता है.
विष्णु पुराण का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है:
- विष्णु पुराण का प्रारंभ भगवान विष्णु द्वारा सृष्टि की उत्पत्ति के वर्णन से होता है. भगवान विष्णु बताते हैं कि उन्होंने ब्रह्मांड को कैसे बनाया और इसमें सभी प्राणियों को कैसे स्थापित किया.
- विष्णु पुराण में भगवान विष्णु के बारे में विस्तार से बताया गया है. भगवान विष्णु बताते हैं कि वे ही इस ब्रह्मांड के सृष्टि, स्थिति और संहार के कारण हैं. वे बताते हैं कि वे ही सभी प्राणियों के रक्षक हैं और वे ही सभी प्राणियों को मोक्ष प्राप्त कराते हैं.
- विष्णु पुराण में हिंदू धर्म के इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी जानकारी दी गई है. भगवान विष्णु बताते हैं कि हिंदू धर्म का इतिहास बहुत पुराना है और यह एक समृद्ध और विविध धर्म है. वे हिंदू धर्म के दर्शन, धर्मशास्त्र और ज्योतिष के बारे में भी विस्तार से बताते हैं.
विष्णु पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो विष्णु पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
विष्णु पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान विष्णु के अवतार
- भगवान विष्णु की पूजा विधि
- भगवान विष्णु के दर्शन
- भगवान विष्णु के धर्मशास्त्र
- भगवान विष्णु के ज्योतिष
- भगवान विष्णु के इतिहास
- भगवान विष्णु के भक्त
विष्णु पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो विष्णु पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
वायु पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
वायु पुराण हिंदू धर्म के पुराणों में से एक है. यह अठारह पुराणों में से चौथा है और इसमें 112 अध्यायों और 11,000 श्लोक हैं. वायु पुराण को वायु देवता द्वारा रचित माना जाता है. यह पुराण भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और इसमें शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का भी वर्णन है. वायु पुराण में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान.
वायु पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान शिव की महिमा
- शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
वायु पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो वायु पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
वायु पुराण के कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों में शामिल हैं:
- प्रथम अध्याय: सृष्टि का वर्णन
- द्वितीय अध्याय: भगवान शिव की महिमा
- तृतीय अध्याय: वेद
- चतुर्थ अध्याय: दर्शन
- पंचम अध्याय: धर्मशास्त्र
- षष्ठम अध्याय: ज्योतिष
- सप्तम अध्याय: तीर्थयात्रा
- अष्टम अध्याय: अनुष्ठान
वायु पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो वायु पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
भागवत पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
भागवत पुराण 18 पुराणों में से एक है. यह सबसे लोकप्रिय पुराणों में से एक है और इसे भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करने वाला पुराण माना जाता है. भागवत पुराण में भगवान कृष्ण के अवतार, उनकी लीलाएं, उनके भक्त और उनके दर्शन के बारे में बताया गया है.
भागवत पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान कृष्ण के अवतार
- भगवान कृष्ण की लीलाएं
- भगवान कृष्ण के भक्त
- भगवान कृष्ण के दर्शन
भागवत पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो भागवत पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
भागवत पुराण के कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों में शामिल हैं:
- प्रथम अध्याय: सृष्टि का वर्णन
- द्वितीय अध्याय: भगवान कृष्ण के अवतार
- तृतीय अध्याय: भगवान कृष्ण की लीलाएं
- चतुर्थ अध्याय: भगवान कृष्ण के भक्त
- पंचम अध्याय: भगवान कृष्ण के दर्शन
भागवत पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो भागवत पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
नारद पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
नारद पुराण हिंदू धर्म के पुराणों में से एक है. यह 18 पुराणों में से सबसे छोटा है और इसमें 10,000 श्लोक हैं. नारद पुराण को नारद मुनि द्वारा रचित माना जाता है. यह पुराण भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है और इसमें विष्णु के 10 अवतारों के बारे में बताया गया है. नारद पुराण में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान.
नारद पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान विष्णु की महिमा
- विष्णु के 10 अवतार
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
नारद पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो नारद पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
नारद पुराण के कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों में शामिल हैं:
- प्रथम अध्याय: सृष्टि का वर्णन
- द्वितीय अध्याय: भगवान विष्णु की महिमा
- तृतीय अध्याय: विष्णु के 10 अवतार
- चतुर्थ अध्याय: वेद
- पंचम अध्याय: दर्शन
- षष्ठम अध्याय: धर्मशास्त्र
- सप्तम अध्याय: ज्योतिष
- अष्टम अध्याय: तीर्थयात्रा
- नवम अध्याय: अनुष्ठान
नारद पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो नारद पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
मार्कण्डेय पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
मार्कण्डेय पुराण हिंदू धर्म के पुराणों में से एक है. यह 18 पुराणों में से 12वां है और इसमें 9,000 श्लोक हैं. मार्कण्डेय पुराण को महर्षि मार्कण्डेय द्वारा रचित माना जाता है. यह पुराण भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है और इसमें शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में बताया गया है. मार्कण्डेय पुराण में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान.
मार्कण्डेय पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान शिव की महिमा
- शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
मार्कण्डेय पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो मार्कण्डेय पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
मार्कण्डेय पुराण के कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों में शामिल हैं:
- प्रथम अध्याय: सृष्टि का वर्णन
- द्वितीय अध्याय: भगवान शिव की महिमा
- तृतीय अध्याय: शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
- चतुर्थ अध्याय: वेद
- पंचम अध्याय: दर्शन
- षष्ठम अध्याय: धर्मशास्त्र
- सप्तम अध्याय: ज्योतिष
- अष्टम अध्याय: तीर्थयात्रा
- नवम अध्याय: अनुष्ठान
मार्कण्डेय पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो मार्कण्डेय पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
अग्नि पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
अग्नि पुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक है. यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रंथ है और इसमें हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान. अग्नि पुराण को भगवान अग्नि द्वारा रचित माना जाता है. यह पुराण भगवान अग्नि की महिमा का वर्णन करता है और इसमें अग्नि की पूजा विधि के बारे में बताया गया है.
अग्नि पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान अग्नि की महिमा
- अग्नि की पूजा विधि
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
अग्नि पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो अग्नि पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
अग्नि पुराण के कुछ महत्वपूर्ण अध्यायों में शामिल हैं:
- प्रथम अध्याय: सृष्टि का वर्णन
- द्वितीय अध्याय: भगवान अग्नि की महिमा
- तृतीय अध्याय: अग्नि की पूजा विधि
- चतुर्थ अध्याय: वेद
- पंचम अध्याय: दर्शन
- षष्ठम अध्याय: धर्मशास्त्र
- सप्तम अध्याय: ज्योतिष
- अष्टम अध्याय: तीर्थयात्रा
- नवम अध्याय: अनुष्ठान
अग्नि पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए आवश्यक है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो अग्नि पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
भविष्य पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
भविष्य पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह सबसे छोटा पुराण है और इसमें लगभग 14,000 श्लोक हैं. भविष्य पुराण को भगवान शिव द्वारा रचित माना जाता है. यह पुराण भविष्य के बारे में बताता है और इसमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का वर्णन किया गया है.
भविष्य पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भविष्य के बारे में भविष्यवाणियां
- भविष्य में होने वाली घटनाएं
- भविष्य में आने वाले धर्मों
- भविष्य में आने वाले राजाओं
- भविष्य में आने वाले युद्ध
- भविष्य में आने वाले प्रलय
भविष्य पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के भविष्य के बारे में जानने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो भविष्य पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
लिंग पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
लिंग पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह भगवान शिव के लिंग के बारे में है और इसमें भगवान शिव के लिंग की पूजा विधि के बारे में बताया गया है. लिंग पुराण को भगवान शिव द्वारा रचित माना जाता है.
लिंग पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान शिव के लिंग की महिमा
- भगवान शिव के लिंग की पूजा विधि
- भगवान शिव के लिंग के धार्मिक महत्व
- भगवान शिव के लिंग के ज्योतिषीय महत्व
- भगवान शिव के लिंग के वैज्ञानिक महत्व
- भगवान शिव के लिंग के आध्यात्मिक महत्व
लिंग पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो लिंग पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
लिंग पुराण में भगवान शिव के लिंग को ब्रह्मांड का प्रतीक माना गया है. यह बताया गया है कि भगवान शिव का लिंग ही ब्रह्मांड का स्रोत है और यह ही ब्रह्मांड का अंत है. लिंग पुराण में भगवान शिव के लिंग की पूजा विधि के बारे में भी बताया गया है. यह बताया गया है कि भगवान शिव के लिंग की पूजा करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है.
लिंग पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो लिंग पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
ब्रह्म वैवर्त पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
ब्रह्मा वैवर्त पुराण एक हिंदू ग्रंथ है, जिसमें भगवान कृष्ण की जीवन कथा और उनके उपदेशों पर ज्यादा फोकस है। इसमें भगवान शिव, देवी दुर्गा और भगवान गणेश जैसे और देवी-देवताओं के किस्से भी हैं।
ये पुराण चार खंडों में बंटा है:
ब्रह्म खंड: इस भाग में ब्रह्माण्ड की सृष्टि, जगत का वैज्ञानिक विचार, और कल्पनाओं के बारे में कथाएँ हैं। इसमें गणेश के जन्म और कृष्ण और राधा की शादी के प्रसंग भी होते हैं।
प्रकृति खंड: क्या इसमें प्रकृति यानि प्रकृति के विविध रूप और उनके संचार के बारे में बताया जाता है। यहां देवी यानी मां दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती के अवतार भी होते हैं।
गणपति खंडा: ये भाग भगवान गणेश पर ध्यान दिया जाता है, जो हर काम की शुरुआत करने से पहले पूजन के लिए महत्वपूर्ण है।
कृष्ण जन्म खंड: ये ब्रह्मा वैवर्त पुराण का सबसे महत्वपूर्ण पूर्ण और अंतिम हिसा है। इसमें भगवान कृष्ण की जीवन कथा पर जोर दिया जाता है। कृष्ण का जन्म मथुरा में, उनके बचपन गोकुल में, उनके युवा अवस्था के अनोखे किस्से, महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ की सवारी, और अंत में उनकी पृथ्वी से विदाई (महाप्रस्थानिका) की कहानी बताई जाती है।
ब्रह्म वैवर्त पुराण में भक्ति का महत्व भी बताया गया है, और इसमे मोक्ष की प्राप्ति के लिए भक्ति के अलग-अलग रूप का वर्णन किया गया है। ये ग्रंथ तांत्रिक विधियों का भी महत्वपूर्ण स्रोत है और इसमें पूजा-अर्चना, त्यौहार, और पवित्र स्थलों से जुड़े अनेक तथ्या वर्णन होते हैं।
जैसे कि दूसरे पुराणों में, ब्रह्म वैवर्त पुराण में भी हिंदू संस्कृति, दर्शन और धर्म के ज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो हिंदू धर्म के अनुयाइयों द्वारा आज भी सम्मान और अध्ययन किया जाता है।
वाराह पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
वाराह पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह भगवान विष्णु के अवतार वाराह के बारे में है और इसमें वाराह के अवतार की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. वाराह पुराण को ऋषि वेद व्यास द्वारा रचित माना जाता है.
वाराह पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान वाराह का अवतार
- भगवान वाराह की कथा
- हिंदू धर्म के विभिन्न विषय
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
वाराह पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो वाराह पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
वाराह पुराण में भगवान वाराह के अवतार को ब्रह्मांड का रक्षक माना गया है. यह बताया गया है कि भगवान वाराह ने पृथ्वी को हिरण्याक्ष नामक दैत्य से बचाया था. वाराह पुराण में भगवान वाराह की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. वाराह पुराण में वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान आदि विषयों पर चर्चा की गई है.
वाराह पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो वाराह पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
वामन पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
वामन पुराण हिंदू धर्म के १८ पुराणों में से एक है. यह विष्णु के अवतार वामन के बारे में है और इसमें वामन के अवतार की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. वामन पुराण को ऋषि वेद व्यास द्वारा रचित माना जाता है.
वामन पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान वामन का अवतार
- भगवान वामन की कथा
- हिंदू धर्म के विभिन्न विषय
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
वामन पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो वामन पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
वामन पुराण में भगवान वामन के अवतार को ब्रह्मांड का रक्षक माना गया है. यह बताया गया है कि भगवान वामन ने पृथ्वी को बलि नामक दैत्य से बचाया था. वामन पुराण में भगवान वामन की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. वामन पुराण में वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान आदि विषयों पर चर्चा की गई है.
वामन पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो वामन पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
कूर्म पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
कूर्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह भगवान विष्णु के अवतार कूर्म के बारे में है और इसमें कूर्म के अवतार की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. कूर्म पुराण को ऋषि वेद व्यास द्वारा रचित माना जाता है.
कूर्म पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- भगवान कूर्म का अवतार
- भगवान कूर्म की कथा
- हिंदू धर्म के विभिन्न विषय
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
कूर्म पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो कूर्म पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
कूर्म पुराण में भगवान कूर्म के अवतार को ब्रह्मांड का रक्षक माना गया है. यह बताया गया है कि भगवान कूर्म ने समुद्र मंथन के दौरान पृथ्वी को बचाया था. कूर्म पुराण में भगवान कूर्म की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. कूर्म पुराण में वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान आदि विषयों पर चर्चा की गई है.
कूर्म पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो कूर्म पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
मत्स्य पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह सबसे पुराना पुराण माना जाता है और इसमें हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान. मत्स्य पुराण को भगवान विष्णु द्वारा रचित माना जाता है.
मत्स्य पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- सृष्टि का वर्णन
- प्रलय का वर्णन
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
मत्स्य पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो मत्स्य पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
मत्स्य पुराण में भगवान विष्णु के अवतार मत्स्य के बारे में भी बताया गया है. यह बताया गया है कि भगवान मत्स्य ने प्रलय के समय पृथ्वी को बचाया था. मत्स्य पुराण में भगवान मत्स्य की कथा के साथ-साथ हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है. मत्स्य पुराण में वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान आदि विषयों पर चर्चा की गई है.
मत्स्य पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो मत्स्य पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
गरुण पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
गरुण पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह एक पवित्र ग्रंथ है जो भगवान विष्णु के अवतार गरुण के बारे में है. गरुण पुराण में गरुण के जीवन, उनकी शक्तियों और उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताया गया है. गरुण पुराण में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान.
गरुण पुराण को भगवान विष्णु द्वारा रचित माना जाता है. यह बताया गया है कि भगवान विष्णु ने गरुण को यह पुराण सुनाया था ताकि वह अन्य लोगों को भी हिंदू धर्म के बारे में बता सके. गरुण पुराण में गरुण के जीवन, उनकी शक्तियों और उनके द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताया गया है. गरुण पुराण में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान.
गरुण पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो गरुण पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
गरुण पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- गरुण का जीवन
- गरुण की शक्तियां
- गरुण द्वारा किए गए कार्य
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
गरुण पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो गरुण पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
ब्रह्माण्ड पुराण और उनका संक्षिप्त परिचय
ब्रह्माण्ड पुराण हिंदू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है. यह भगवान शिव के अवतार ऋषि मार्कण्डेय द्वारा रचित माना जाता है. यह पुराण ब्रह्मांड के निर्माण, ब्रह्मांड के नियमों और ब्रह्मांड के अंत के बारे में बताता है. यह पुराण हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर भी चर्चा करता है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान.
ब्रह्माण्ड पुराण के कुछ प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:
- ब्रह्मांड का निर्माण
- ब्रह्मांड के नियम
- ब्रह्मांड का अंत
- वेद
- दर्शन
- धर्मशास्त्र
- ज्योतिष
- तीर्थयात्रा
- अनुष्ठान
ब्रह्माण्ड पुराण एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है और यह हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है. यदि आप हिंदू धर्म के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो ब्रह्माण्ड पुराण को पढ़ना एक अच्छा विचार है.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) (18 पुराणों)
पुराण क्या हैं?
पुराण एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “पुरातन कथा”. पुराण हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक हैं. वे हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान. पुराणों को ऋषियों द्वारा रचित माना जाता है. पुराणों को मोक्ष प्राप्ति का मार्गदर्शक माना जाता है. पुराणों को हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने के लिए एक अच्छा विचार है.
पुराणों की कुल संख्या कितनी है?
पुराणों की कुल संख्या 18 है. वे हैं:
ब्रह्म पुराण
विष्णु पुराण
वायु पुराण
यजुर्वेदीय पुराण
शिव पुराण
हरिवंश पुराण
लिंग पुराण
अग्नि पुराण
भविष्य पुराण
ब्रह्मवैवर्त पुराण
ब्रह्मांड पुराण
कूर्म पुराण
वाराह पुराण
स्कंद पुराण
पाराशर पुराण
वारुण पुराण
लिंग पुराण
नारसिंह पुराण
पुराणों का रचनाकाल क्या है?
पुराणों का रचनाकाल निश्चित रूप से नहीं पता है. कुछ विद्वानों का मानना है कि वे 1000 ईसा पूर्व से 500 ईस्वी के बीच रचित हुए थे. अन्य विद्वानों का मानना है कि वे इससे भी पहले रचित हुए थे.
पुराणों का विषय क्या है?
पुराणों में हिंदू धर्म के विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई है, जैसे कि वेद, दर्शन, धर्मशास्त्र, ज्योतिष, तीर्थयात्रा और अनुष्ठान. पुराणों में हिंदू धर्म के देवताओं, देवी-देवताओं, अवतारों, तीर्थयात्रा स्थलों, अनुष्ठानों और दर्शनों के बारे में बताया गया है.
पुराणों का महत्व क्या है?
पुराणों का हिंदू धर्म के लिए बहुत महत्व है. वे हिंदू धर्म के विश्वासों और प्रथाओं को समझने का एक अच्छा स्रोत हैं. पुराणों में हिंदू धर्म के देवताओं, देवी-देवताओं, अवतारों, तीर्थयात्रा स्थलों, अनुष्ठानों और दर्शनों के बारे में बताया गया है. पुराण हिंदू धर्म के लोगों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत हैं.
पुराणों को कैसे पढ़ा जाए?
पुराणों को पढ़ने के लिए कोई एक तरीका नहीं है. आप उन्हें किसी भी क्रम में पढ़ सकते हैं. हालांकि, पुराणों को समझने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले, पुराणों को एक ही बार में नहीं पढ़ना चाहिए. पुराणों को धीरे-धीरे और ध्यान से पढ़ना चाहिए. दूसरे, पुराणों को पढ़ते समय किसी विद्वान या शिक्षक की मदद लेनी चाहिए. पुराणों में कई ऐसे विषय हैं जो समझने में कठिन हो सकते हैं. एक विद्वान या शिक्षक की मदद से आप पुराणों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं.
पुराणों का हिंदी में अनुवाद कहां से मिल सकता है?
पुराणों का हिंदी में अनुवाद कई जगहों पर मिल सकता है. आप पुराणों का हिंदी में अनुवाद ऑनलाइन, पुस्तकालय या किसी धार्मिक संस्थान से प्राप्त कर सकते हैं.